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समाचार

प्रकाशित तिथि : 28/11/2018

नारायणपुर में महिलाओं ने किया तुलसी का विवाह
कार्तिक मास की शुक्ल एकादशी तिथि हिन्दू मान्यतानुसार काफी पुण्यदायक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि आज के पुण्य काल में भगवान विष्णु अपनी गहरी निद्रा से जागते हैं। इसलिए इस दिन को देवोत्थान एकादशी भी कहा गया है। यानि देवता के उठने का दिन। इस दिन भगवान शालिग्राम जो विष्णु के स्वरूप माना गया है। भगवान शालिग्राम और मैया तुलसी के विवाह का आयोजन आज के दिन सभी हिन्द धर्मावलंबियो के घरों में आयोजित कराई जाती है। यह शुभ विवाह का आयोजन वहां किया जाता है जहां तुलसी जी का पिंडा या स्थान दिया गया हो। इस विवाह आयोजन में घर की महिलाएं विधि-विधान रूपों से विवाह का आयोजन करती है। विवाह